सम्पूर्ण रामायण - उत्तरकाण्ड (25) महाप्रयाण

147 Part

121 times read

1 Liked

लक्ष्मण का त्याग करके अत्यन्त शोक विह्वल हो रघुनन्दन ने पुरोहित, मन्त्रियों और नगर के श्रेष्ठिजनों को बुलाकर कहा, “आज मैं अयोध्या के सिंहासन पर भरत का अभिषेक कर स्वयं वन ...

Chapter

×